विधान सभा चुनाव 2022: मुख्य निर्वाचन आयुक्त का तीन दिवसीय यूपी दौरा, हो सकता है इलाहाबाद हाईकोर्ट के सुझाव पर विचार
लखनऊ। देश में 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने की संभावना के बीच में चुनाव की तैयारी के लिए उत्तराखंड के एक दिन के दौरे के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त अपनी टीम के साथ 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के तीन दिन के दौरे पर रहेंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले देख गुरुवार को प्रधानमंत्री से विधानसभा चुनाव टालने का अनुरोध भी किया है। माना जा रहा है निर्वाचन आयोग की टीम के उत्तर प्रदेश के दौरे में इस पर भी विचार हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि अगले हफ्ते टीम उत्तर प्रदेश का दौरा करेगी। इस दौरान स्थिति को लेकर समीक्षा की जाएगी और इसके बाद उचित निर्णय लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी परखने निर्वाचन आयोग की टीम 28 से 30 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेगी। चुनाव आयोग वर्ष 2022 की शुरुआत में जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें पंजाब, गोवा के साथ उत्तराखंड की समीक्षा कर चुका है। अब आयोग उत्तर प्रदेश की चुनाव तैयारियां परखने आ रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार व अनूप चन्द्र पांडेय 28 दिसंबर को लखनऊ पहुंच रहे हैं। आयोग शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए की गई तैयारियों के बारे में अफसरों से जानकारी लेगा। भारत निर्वाचन आयोग की टीम विधान सभा चुनाव 2022 की तैयारियों का जायजा लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर 28 दिसंबर को लखनऊ आ रहा है। पहले दिन 28 को आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जानकारी लेगा। दूसरे दिन 29 दिसंबर को कमिश्नर, डीएम, आइजी, डीआइजी, एसएसपी, एसपी आदि अफसरों के साथ बैठक कर निष्पक्ष चुनाव की तैयारियों को देखेगा। अंतिम दिन यानि 30 दिसंबर को प्रदेश के मुख्य सचिव व डीजीपी सहित प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक होगी। इसी दिन चुनाव आयोग पत्रकार वार्ता कर स्थिति की जानकारी देगा।
चुनाव आयोग प्रदेश में संवेदनशील व अति संवेदनशील पोङ्क्षलग बूथों व इनमें की गई व्यवस्था की भी जानकारी लेगा। प्रदेश में लाइसेंस हथियारों की संख्या व इन्हें जमा कराने के संबंध में अफसरों से पूछेगा। गंभीर अपराधियों के साथ ही गैर जमानती वारंट जारी होने वाले अपराधियों की भी सूचना अफसरों से ली जाएगी। चुनाव के लिए कितनी फोर्स की जरूरत है इसका भी आकलन चुनाव आयोग करेगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने देश-विदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विधानसभा चुनाव टालने का सुझाव दिया। कोर्ट ने अनुरोध पूर्वक कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति पार्टियां रैलियों में भारी भीड़ एकत्र कर रही हैं। प्रधानमंत्री व चुनाव आयुक्त चुनावी रैलियों पर कड़ाई से रोक लगाएं। राजनीतिक पार्टियों से कहा जाय कि वह चुनाव प्रचार इलेक्ट्रानिक माध्यम व समाचार पत्रों के माध्यम से करें। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करे, क्योंकि जान है तो जहान है।
यह सुझाव न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने उत्तर गिरोहबंद कानून के तहत जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत मंजूर करते हुए दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत व पश्चिम बंगाल के विधानसभा के चुनाव में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई थी। कोरोना की दूसरी लहर में काफी लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा का निकट है। इसके लिए राजनीतिक दल रैली व सभाओं में लाखों लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं। कोविड-19 नियम का पालन कहीं नहीं हो रहा है। इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह हो सकता है। ऐसी दशा में चुनाव आयुक्त से न्यायालय का अनुरोध है कि रैलियों व सभाओं पर तत्काल रोक लगाएं। संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें।