बेबाक, निष्पक्ष, निर्भीक
December 27, 2024
समाज

‘माँ ही अज़ान माँ ही वेदों का ज्ञान’, युवा पहल ने मनाया मदर्स डे

  • May 14, 2017
  • 1 min read
‘माँ ही अज़ान माँ ही वेदों का ज्ञान’, युवा पहल ने मनाया मदर्स डे
अतरौली/अलीगढ |सामाजिक संस्था युवा पहल के तत्वाधान में मातृ दिवस (मदरस डे) पर ‘माँ ममता का सागर’ कार्यक्रम का आयोजन ऊँचान स्थित ग्रीन पार्क में किया गया अध्यक्ष इंजिनियर हिमांशु मित्तल गुप्ता ने अपनी माँ नीलम गुप्ता,ताई मंजू गुप्ता और नीरू गुप्ता व युवा पहल सदस्यों के साथ केक काट कर  मातृ दिवस धूमधाम से मनाया इस अबसर इंजिनियर हिमांशु ने माँ की पेंटिंग भी भेट कर व पैर छू कर सब का आशीर्वाद लिया.इंजिनियर हिमांशु ने कहा माँ शब्द अपने आप में पूर्ण है .माता शब्द का पहला अक्षर ‘मा’ का मतलब है ममतामयी एवं दूसरा शब्द ‘ता’ का मतलब है तारने वाली हैं. माँ इस संसार रूपी भंवर से रक्षा करती है.माँ के स्मरण मात्र से ही एक भावभीनी सुगंध से मन का हर कोना सुगन्धित हो जाता है, सुवासित हो जाता है. माँ ने हमें विवेक शक्ति देती है. आस्था की भंडार माँ ईश्वर के प्रति अनुराग जगाती है. माँ वही करुणामयी त्यागमयी ,ममतमायी हैं माँ अपना सारी जीवन अपने संतान के नाम नेयोछावर करने वाली होती है. माँ के रूप में मानव को ईश्वर ने बहुत बड़ा उपहार दिया है.माँ बिना ये संसार असंभव था.वह माँ ही है जो बच्चे की  सुविधा के लिए गीले पर सोया करती है और बच्चे को सूखे बिस्तर पर सुलाया करती है . धूप में अपने अंचल को फैलाकर उसके लिए छाया करती है.
माँ ही है जो बच्चे की ख़ुशी से फूली नहीं समाती, और दुःख से बासे  फूल की तरह टूट कर बिखर जाती है, फिर भी बच्चे को संसार में  फूल की ही तरह खिलता व् महकता देखना चाहती है… जीवन की हर चुनौती का सामना करने की ताकत देती है. जीवन के नाज़ुक क्षणों में सहारा भी माँ ही देती है. घर-परिवार रूपी बगीचा की , “माँ” बागवान  है, माँ’ जिसकी कोई परिभाषा नहीं जिसकी कोई सीमा नहीं,वाकई माँ का कोई विस्तार नहीं माँ से बढ़कर कुछ नहीं.माँ ही वेदों को ज्ञान हैं और माँ ही गीता और कुरान हैं
इस अबसर पर-नीलम गुप्ता,मंजू गुप्ता,माया गुप्ता,नीरू गुप्ता,इंदु गुप्ता,गजाला,पूजा,सबिया,अंशु,मनताशा, शुमायला,मीणा,समीरा,दीपिका,नुसरत,मोनिका आदि उपस्थित रहे