बड़ी खबर : लोकसभा चुनाव से पहले SP-RLD गठबंधन में दरार, डैमेज कंट्रोल शुरू
लखनऊ | निकाय चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन में दरार आ गयी है | सपा ने रालोद को कोई ख़ास भाव नहीं दिया है जिससे रालोद के नेता परेशान हैं | वहीँ खबर यह भी है कि निकाय चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर खतरे में पड़े सपा-रालोद गठबंधन को बचाने के लिए डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया है। मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। इसी बीच सपा ने घोषणा की है कि वह बागपत और बड़ौत नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगी। इन सीटों पर रालोद को समर्थन किया जाएगा।
विधानसभा चुनाव 2022 की तर्ज पर ही नगर निकाय चुनाव में भी सपा और रालोद का गठबंधन है। दोनों ने घोषणा की थी कि गठबंधन मजबूती से चलेगा। अब नगर निकाय चुनाव आया तो दोनों के बीच घमासान शुरू हो गया। कई सीटों पर सपा और रालोद दोनों ने ही अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। ऐसे में गठबंधन में दरार आनी शुरू हो गई।
खास तौर से रालोद इससे नाराज दिखने लगा और मेरठ सीट पर महापौर के लिए अपना प्रत्याशी उतारने का एलान कर दिया। जबकि इस सीट पर सपा पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। ऐसे में अब दोनों दलों की ओर से डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया है। इसके लिए लगातार एक-दूसरे के उम्मीदवारों को समझाया जा रहा है कि वह अपना नामांकन पत्र वापस ले लें। अभी नाम वापसी का समय है।
उधर सपा ने भी अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर लिखा कि बड़ौत और बागपत में सपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, बल्कि रालोद को समर्थन देगी। बड़ौत रालोद का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर रालोद अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी ही कर रहा था कि सपा ने दांव खेलते हुए अपना प्रत्याशी उतार दिया था। माना जा रहा है कि अब सपा अपने उम्मीदवार का पर्चा वापस कराएगी। हालांकि बागपत जिले की ही खेकड़ा सीट पर अभी दोनों दलों के ही उम्मीदवार आमने-सामने हैं।
वहीं, बिजनौर में छह सीटों पर रालोद और सपा के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। यहां भी मान-मनौव्वल चल रहा है। कांधला सीट पर यही हाल है। समझौते को लेकर दोनों पक्ष ताकत लगा रहे हैं, पर अभी नामांकन पत्र वापस लेने को कोई भी तैयार नहीं है। पश्चिमी उप्र के कई जिलों में इस समय गठबंधन में यही स्थिति है। रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे कहते हैं कि बातचीत चल रही है। नाराजगी दूर कर ली जाएगी। गठबंधन मजबूत है।