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October 15, 2024
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मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन, अखिलेश यादव ने दी मुखाग्नि, हम तो सारे वतन को जगा के चले, याद आए हमारी तो रोना नहीं…,

  • October 12, 2022
  • 1 min read
मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन, अखिलेश यादव ने दी मुखाग्नि, हम तो सारे वतन को जगा के चले, याद आए हमारी तो रोना नहीं…,

सैफई | सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंत्रोच्चार के बीच मुखाग्नि दी। सैफई में हुए अंतिम संस्कार के दौरान कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें विदाई दी। जिस मिट्टी में वह खेलकूद कर सियासी ऊंचाई हासिल की, उसी जमीं पर जब उनकी चिता में अग्नि समर्पित की गई तो विभिन्न स्थानों से आए लोगों की आंखें नम हो गईं।

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का शव मंगलवार सुबह सैफई स्थित आवास से गगनभेदी नारों केसाथ करीब पांच सौ मीटर दूर स्थित सैफई पांडाल ले जाया गया। इस दौरान शव वाहन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रो रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव सहित पूरा परिवार साथ रहा। घर से लेकर पांडाल तक जाते वक्त मुलायम सिंह की शान में कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए पुष्पवर्षा करते रहे।

सियासी पटल पर धुर विरोधी माने जाने वाले प्रो रामगोपाल और शिवपाल नेताजी पार्थिव शरीर के सामने न सिर्फ एक साथ नजर आए बल्कि साथ-साथ श्रद्धांजलि दी। यह देख मंच पर मौजूद परिवार के लोगों की आंखों से आंसू निकल आए। दरअसल हुआ यह कि मुलायम सिंह की पार्थिव देह पांडाल में दर्शन के लिए रखी गई। पहले पार्टी का झंडा, फिर तिरंगा ओढाने के बाद श्रद्धांजलि देने का क्रम शुरू हुआ।

मंच पर मौजूद स्वामी प्रसाद ने श्रद्धांजलि देकर शिवपाल को आगे आने का इशारा किया। शिवपाल ने पुष्प चक्र उठाया तो बगल में खड़े प्रो रामगोपाल ने भी उसे पकड़ लिया। फिर दोनों ने साथ-साथ पुष्प चक्र अर्पित किया। इसके बाद शिवपाल ने पुष्प चढाए तो प्रो रामगोपाल ने भी पुष्प चढाया। यह देख वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। लोगों का कहना था कि परिवार की एकजुटता केलिए नेताजी हमेशा सक्रिय रहे। आज उनकी अंतिम यात्रा में पूरा परिवार साथ-साथ है।

सैफई पांडाल में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें तिरंगा ओढाया गया। विधायकों व अन्य नेताओं ने पुष्पांजलि दी। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो जा रही थीं। लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब नजर आए। विभिन्न दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी और अखिलेश यादव को ढांढस बंधाया।

इस दौरान कोई हाथ पकड़ कर सुबकता नजर आया तो कोई अखिलेश को गले लगाकर सांत्वना देता रहा। दोपहर बाद करीब तीन बजे ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कराया। अखिलेश यादव ने जनेऊ धारण किए और पिण्डदान किया। जल आचमन के वक्त डिंपल यादव मंच पर आई तो दोनों की आंखों में आंसू छलक पड़ा। यह देख मंच पर मौजूद अन्य नेताओं की आंखों में भी आंसू टपकने लगा।

कुछ देर बाद यहां से उनकी पार्थिव देह रामलीला ग्राउंड पर ले जाया गया। जहां 3.56 बजे अखिलेश यादव ने मुखाग्नि दी। जैसे ही मुलायम सिंह यादव की चिता को अग्नि समर्पित की गई कार्यकर्ता मुलायम सिंह अमर रहे, धरतीपुत्र अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, मुलायम तेरा नाम रहेगा के नारे लगाते रहे।

सैफई पांडाल में अंतिम संस्कार के वक्त श्रद्धांजलि देने वालों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार व उनकी बेटी सुप्रिया सुले, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रफुल्ल पटेल, कारोबारी अनिल अंबानी, तेलगूदेशम पार्टी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खडगे, प्रमोद तिवारी, वरुण गांधी, जयंत चौधरी, जयाबच्चन, अभिषेक बच्चन, राकेश टिकैत, सुब्रत राय सहारा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।