अखिलेश यादव और शिवपाल हुए एक, सपाईओं को दिया दिवाली का तोहफा, घोषणा जल्द
लखनऊ | आखिरकार दीवाली पर चाचा शिवपाल और भतीजे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव एक होने को तैयार हो गए हैं | गठबंधन को लेकर दीपावली पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) से गठबंधन की बात कहकर कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ा दिया है। चाचा-भतीजे की एका से कितनी सीटों पर फायदा होगा, यह तो वक्त बताएगा लेकिन परंपरागत वोटबैंक का लामबंद होना तय है। दोनों के साथ रहने से सियासी वैतरणी पार करने में मजबूत पतवार मिल जाएगी। लेकिन गठबंधन के साथ दोनों को एक-दूसरे के प्रति दरियादिली दिखानी होगी ताकि कार्यकर्ताओं के बीच सकारात्मक संदेश जा सके।
सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन के संकेत रक्षाबंधन से पहले मिलने लगे थे। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन का एलान कर दिया है। इसका एलान लखनऊ से न करके सैफई से किया गया है। वह भी दिपावली के दिन। इसके भी सियासी निहितार्थ हैं। अलबत्ता सीटों को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है। सारा दारोमदार सीटों के बंटवारे पर टिका है। क्योंकि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव दोहराते रहे हैं कि उनके साथ रहने वालों का भी सम्मान होना चाहिए। ऐसे में सीट बंटवारा इस गठबंधन का मुख्य मुद्दा होगा। सैफई परिवार में दखल रखने वालों का कहना है कि सीट बंटवारे का मुद्दा सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में सुलझेगा। इसे लेकर फार्मूला भी तैयार किया जा रहा है। फार्मूले के तहत यह भी संभव है कि शिवपाल के कुछ करीबी सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव मैदान में दिखें।
लंबे समय से चल रहा था मंथन –
अखिलेश यादव व शिवपाल सिंह यादव भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की अपील करते रहे हैं। दोनों के सुर एक रहे हैं। वे समान विचारधारा के लोगों को एकजुट होने की वकालत भी करते रहे हैं। इस बीच शिवपाल ने अखिलेश यादव से गठबंधन का प्रस्ताव रखा। वह खुलेमंच से सपा के साथ गठबंधन की बात करते रहे। यहां तक की सैफई परिवार में दखल रखने वाले एक वरिष्ठ नेता ने दोनों के बीच रक्षाबंधन से पहले वार्ता भी कराई। लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुले मंच पर एकजुटता के सवाल का जवाब देने में कतराते रहे।